Teri Aankhon Ke Sivaa Lyrics.The Old Hindi Song Sung By Mohammed Rafi,Lata Mangeshkar,The Music Given By Madan Mohan, Written by Majrooh Sultanpuri
Teri Aankhon Ke Sivaa Lyrics – Mohammed Rafi, Lata Mangeshkar Lyrics
Singer | Mohammed Rafi, Lata Mangeshkar |
Movie | Chirag |
Music | Madan Mohan |
Song Writer | Majrooh Sultanpuri |
Teri aankho ke siva
Duniya me rakha kya hai
Teri aankho ke siva
Duniya me rakha kya hai
Ye uthe subah chale
Ye jhuke sham dhale
Mera jina mera marna
Inhi palako ke tale
Teri aankho ke siva
Duniya me rakha kya hai
Palko ki galiyo me chaehre
Baharo ke haste hue
Hai mere khwabo ke kya kya
Nagar inme bate hue
Palko ki galiyo me chaehre
Baharo ke haste hue
Ye uthe subah chale
Ye jhuke sham dhale
Mera jina mera marna
Inhi palako ke tale
Teri aankho ke siva
Duniya me rakha kya hai
Inme mere ane wale
Jamane ki tasvir hai
Chahat ke kajal se
Likhi hui meri takdir hai
Inme mere ane wale
Jamane ki tasvir hai
Ye uthe subah chale
Ye jhuke sham dhale
Mera jina mera marana
Inhi palako ke tale
Teri aankho ke siva
Duniya me rakha kya hai
Ye uthe subah chale
Ye jhuke sham dhale
Mera jina mera marana
Inhi palako ke tale
Teri aankho ke siva
Duniya me rakha kya hai
Teri aankho ke siva
Duniya me rakha kya hai.
Teri Aankhon Ke Siva Song Lyrics In Hindi
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रखा क्या है
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रखा क्या है
ये उठे सुबह चले
ये झुकें शाम ढले
मेरा जीना मेरा मरना
इन्हीं पलकों के तले
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रखा क्या है
पलकों की गलियों में चेहरे बहारो के हस्ते हुए
है मेरे ख्वाबों के क्या क्या नगर इनमे बस्ते हुए
पलकों की गलियों में चेहरे बहारो के हस्ते हुए
ये उठे सुबह चले
ये झुकें शाम ढले
मेरा जीना मेरा मरना
इन्हीं पलकों के तले
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रखा क्या है
इनमें मेरे आने वाले ज़माने की तस्वीर है
चाहत के काजल से लिखी हुई मेरी तक़दीर है
इनमे मेरे आने वाले ज़माने की तस्वीर है
ये उठे सुबह चले
ये झुकें शाम ढले
मेरा जीना मेरा मरना
इन्हीं पलकों के तले
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रखा क्या है
ये हों सही इनका साया मेरे दिल से जाता नहीं
इनके सिवा अब तो कुछ भी नज़र मुझको आता नहीं
ये हों सही इनका साया मेरे दिल से जाता नहीं
ये उठे सुबह चले
ये झुकें शाम ढले
मेरा जीना मेरा मरना
इन्हीं पलकों के तले
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रखा क्या है