Chupke Chupke Raat Din Ghazal – Gulam Ali Khan Lyrics

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Chupke Chupke Raat Din Lyrics by Ghulam Ali is Hindi song from the movie Nikaah. Chupke Raat Din song lyrics are written by Maulana Hasrat Mohani while music is given by Ghulam Ali.

Chupke Chupke Raat Din Ghazal – Gulam Ali Khan Lyrics

Singer Gulam Ali Khan
Music Ravi
Song Writer Hassan Kamaal



Chupke chupke raat din
Aansu bahana yaad hai ae
Chupke chupke raat din
Aansu bahana yaad hai

Humko ab tak aashiqui ka
Woh zamana yaad hai
Chupke chupke raat din
Aansu bahana yaad hai

Tujhse milte hi woh kuchh
Bebaak ho jaana mera
Tujhse milte hi woh kuchh
Bebaak ho jaana mera
Aur tera daanton mein woh
Ungli dabana yaad hai

Humko ab tak aashiqui ka
Woh zamana yaad hai Chupke chupke raat din
Aansu bahana yaad hai

Chori chori humse tum
Aakar mile the jis jagah
Chori chori humse tum
Aakar mile the jis jagah
Muddatein ghuzri
Par ab tak woh thikana yaad hai

Humko ab tak aashiqui ka
Woh zamana yaad hai
Chupke chupke raat din
Aansu bahana yaad hai

Khainch lena woh mera
Parde ka kona daffatan
Khainch lena woh mera
Parde ka kona daffatan
Aur dupatte se tera
Woh munh chhupana yaad hai

Humko ab tak aashiqui ka
Woh zamana yaad hai
Chupke chupke raat din
Aansu bahana yaad hai

Dopehar ki dhoop mein
Mere bulaane ke liye
Dopehar ki dhoop mein
Mere bulaane ke liye
Woh tera kothe pe
Nange paon aana yaad hai

Humko ab tak aashiqui ka
Woh zamana aa aa yaad hai
Chupke chupke raat din
Aansu bahana yaad hai

Aa gaya gar vasl ki
Shab bhi kahin zikr-e-firaaq
Aa gaya gar vasl ki
Shab bhi kahin zikr-e-firaaq
Woh tera ro ro ke bhi
Mujhko rulana yaad hai

Humko ab tak aashiqui ka
Woh zamana aa aa yaad hai
Chupke chupke raat din
Aansu bahana yaad hai









Chupke Chupke Raat Din Hindi Lyrics

हूँ आ आ हुम्म्म हूँ…
चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है
चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है
हम को अब तक आशिकी का वो ज़माना याद है
चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है

तुझ से मिलते ही वो कुछ बेबाक हो जाना मेरा
तुझ से मिलते ही वो कुछ बेबाक हो जाना मेरा
और तेरा दांतों में वो उंगली दबाना याद है
हम को अब तक आशिकी का वो ज़माना याद है
चुपके चुपके रात दिन..

चोरी-चोरी हम से तुम आ कर मिले थे जिस जगह
चोरी-चोरी हम से तुम आ कर मिले थे जिस जगह
मुद्दतें गुजरीं पर अब तक वो ठिकाना याद है
हम को अब तक आशिकी का वो ज़माना याद है
चुपके चुपके रात दिन..

खैंच लेना वो मेरा परदे का कोना दफ्फातन
खैंच लेना वो मेरा परदे का कोना दफ्फातन
और दुपट्टे से तेरा वो मुंह छुपाना याद है
हम को अब तक आशिकी का वो ज़माना याद है
चुपके चुपके रात दिन..

तुझ को जब तनहा कभी पाना तो अज राह-ऐ-लिहाज़
तुझ को जब तनहा कभी पाना तो अज राह-ऐ-लिहाज़
हाल-ऐ-दिल बातों ही बातों में जताना याद है
हम को अब तक आशिकी का वो ज़माना याद है
चुपके चुपके रात दिन..

आ गया गर वस्ल की शब् भी कहीं ज़िक्र-ए-फिराक
आ गया गर वस्ल की शब् भी कहीं ज़िक्र-ए-फिराक
वो तेरा रो-रो के भी मुझको रुलाना याद है
हम को अब तक आशिकी का वो ज़माना याद है
चुपके चुपके रात दिन..

दोपहर की धुप में मेरे बुलाने के लिए
दोपहर की धुप में मेरे बुलाने के लिए
वो तेरा कोठे पे नंगे पांव आना याद है
हम को अब तक आशिकी का वो ज़माना याद है
चुपके चुपके रात दिन..

गैर की नज़रों से बचकर सब की मर्ज़ी के ख़िलाफ़
गैर की नज़रों से बचकर सब की मर्ज़ी के ख़िलाफ़
वो तेरा चोरी छिपे रातों को आना याद है
हम को अब तक आशिकी का वो ज़माना याद है
चुपके चुपके रात दिन..

बा हजारां इस्तिराब-ओ-सद-हजारां इश्तियाक
बा हजारां इस्तिराब-ओ-सद-हजारां इश्तियाक
तुझसे वो पहले पहल दिल का लगाना याद है
हम को अब तक आशिकी का वो ज़माना याद है
चुपके चुपके रात दिन..

बेरुखी के साथ सुनना दर्द-ऐ-दिल की दास्तां
बेरुखी के साथ सुनना दर्द-ऐ-दिल की दास्तां
वो कलाई में तेरा कंगन घुमाना याद है
हम को अब तक आशिकी का वो ज़माना याद है
चुपके चुपके रात दिन..

वक्त-ए-रुखसत अलविदा का लफ्ज़ कहने के लिए
वक्त-ए-रुखसत अलविदा का लफ्ज़ कहने के लिए
वो तेरे सूखे लबों का थर-थराना याद है
हम को अब तक आशिकी का वो ज़माना याद है
चुपके चुपके रात दिन..





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